top 10 moral stories in hindi | हिंदी में नैतिक कहानियां

Best 2023 top 10 moral stories in hindi | हिंदी कहानियां

Top 10 moral stories in hindi

क्या आप भी top 10 moral stories in hindi बारे में रिसर्च कर रहे हैं।

जिससे आपको अच्छी शिक्षा और नैतिकता का बोध हो और आपको यह कॉफी पसंद भी है।
और हो सकता है हम हमसे अधिकतर लोगों ने इसे अपने बचपन में पड़ा हो

इन सभी moral stories for kids को पढ़कर हमे बहुत ज्ञान संबंधित चीजे प्राप्त होगी ।

चालिए शुरू करते हैं Top 10 moral stories in hindi

अपने से बड़ों का कहना मानो  ( Top 10 moral stories in hindi)

कुछ समय पहले की बात है एक घने जंगल में तोतों का एक झुंड निवास करता था

सभी तोते अपने मुखिया की बातें मानते थे।

एक दिन मुखिया तोते ने अपने सभी तोतों को समझाया कि तुम सभी किसी भी बगीचे में जाना

लेकिन अमरूद के बगीचे में कभी मत जाना

सभी तोते मुखिया की आदेश समझ गए लेकिन एक तोता मुखिया की बात नहीं समझा

वह विरोध कर बोला कि मुखिया जी हम अमरूद (जाम)के बगीचे में क्यों नहीं जा सकते

तो मुखिया तोते ने जवाब दिया- समझो उस बगीचे में एक शिकारी है जो तुम्हें अपने जाल में फंसा लेगा

तोते ने कहा- पर उस बगीचे में बहुत मीठे अमरूद (जामफल) लगे होते हैं ऐसे अमरुद किसी

बगीचे में नहीं मिलेंगे

मुख्या ने कहा- मीठे फल धरती पर गिरे होते हैं शिकारी भी यह बात जानता है

व जैसे ही तुम मीठे फल खाने के लिए उसके बगिचे में जाओगे

तो शिकारी तुम्हें अपने बनाए हुए जाल में फंसा लेगा

परंतु तोते ने मुख्या की बातों को नजरअंदाज करा और वह मीठे अमरूद का टेस्ट करने की ठान चुका था

और वह 1 दिन अमरूद के बगीचे की तरफ चला गया उसने वहां पहुंचकर जैसे ही जाम पर

अपनी चोच मार ना चाहिए तभी एक जाल ऊपर गिर पड़ा और वह जाल में फस गया

शिकारी तोते को पिंजरे में बंद कर लिया तोता मुखिया की बात मान लेता तो जाल में नहीं फंसा होता

प्यारे बच्चों हमें हमेशा अपने से बड़ों का कहना मानना चाहिए और उनके अनुभव को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए

इस कहानी के माध्यम से क्या सीखा ?

  1. हमें हमेशा अपने बड़ों (seniors)की आज्ञा का पालन करना चाहिए
  2. बड़े ही हमें सही रास्ता दिखाते हैं
  3. जो हमेशा बढ़ेगा कहना मानते हुआ जीवन में सुखी रहते हैं|

लालच का फल Top 10 moral stories in hindi

एक जंगल के तालाब के किनारे एक शेर रहता था वह बूढ़ा हो गया था।

बुढ़ापे के कारण वह अत्यधिक कमजोर भी हो गया था तथा उसके दांत भी गिर गए थे
और उसके नाखून और पंजा भी उम्र के साथ कमजोर हो गए थे

वह ना तो दौड़ सकता था और ना ही अपने लिए शिकार करने में समर्थ था

लेकिन उसके पास सोने का एक कंगन था

जब भी तालाब के पास से कोई गुजरता तो शेर उससे कहता अरे भैया तुम मेरे पास आ जाओ

मेरे पास एक सोने का कंगन है
मैं तुम्हें उसे दान करना चाहता हूं बुढ़ापे में मैं अब धर्मात्मा बन गया हूं मुझे पर यकीन करो

लेकिन कोई भी राहगीर शेर की बात पर विश्वास नहीं करता तथा सभी अपने अपने रास्ते चल ले जाते

लेकिन एक दिन एक व्यक्ति उसी तालाब के पास से गुजर रहा था

उस व्यक्ति को देखते ही शेर ने फिर से वही बात कही

शेर ने कहा तुम जल्दी से इस तालाब से ना कर मेरे पास आ जाओ

मैं तुम्हें सोने का कंगन दे दूंगा
मेरा समय अब समाप्त हो गया मैं मरने वाला हूं

तथा मरने से पहले मैं तुम्हें वह कंगन देना चाहता हूं

वह व्यक्ति थोड़ा लालची था इसलिए शेर की बातों में आ गया
जैसे ही वह नहाने के लिए तालाब में गया वैसे ही वह कीचड़ में फंस गया

लालची Top 10 moral stories in hindi

उस व्यक्ती को कीचड़ में फंसा देखकर शेर मन ही मन बहुत खुश हो गया शेर ने

उस व्यक्ति से कहा

तुम बिल्कुल चिंता मत करो मैं तुम्हें अभी कीचड़ से निकाल दूंगा
मोका पाकर शेर धीरे-धीरे व्यक्ती के पास पहुंच गया और उसे वहीं दबोच कर मार के खा गया

तो बच्चों लालच के चक्कर में हमें कभी नहीं पढ़ना चाहिए क्योंकि लालच से आदमी का पतन हो जाता है।

इस कहानी से हमें क्या सीख मिली

  1. दाल अच्छी कारण ही हम संकट में पड़ जाते हैं
  2. लोक तथा अत्यधिक लालच से मनुष्य का पतन निश्चित है
  3. लालच बहुत बुरी बला है हम इस से दूर ही रहना चाहिए

होशियार सियार

एक जंगल में एक शेर रहता था वह बहुत थी खूंखार तथा भयानक था
वह रोज एक मोर का शिकार करता था और उसे आराम से खाता था

लेकिन उसी स्थान पर एक सियार आता है जो कि बहुत ही चतुर था

वह शेर को देखकर डर जाता है

तभी शेर सियार के समीप आ जाता है जब शेर उसे खाने को तैयार होता है

तभी सियार डर के मारे रोने लगता है

सियार को रोता देखकर शेर पूछता है तुम रो क्यों रहे हो तब सियार कहता है-

महाराज इस जंगल में दूसरा शेर आया है, जो कि मेरे पुत्रों को मारकर खा गया इसी कारण मैं रो रहा हूं तभी शेर गुस्से में पूछता है कि वह दूसरा शेर कहां रहता है। तब सियार कहता है कि पास में एक कुआं है वह वहीं पर रहता है।

फिर शेर कहता है मैं अभी जाता हूं और दूसरे शेर को अभी मारता हूं

तब सियार शेर से कहता है मैं आपको रास्ता बताता हूं

फिर वह चतुर सियार शेर को कुएं के पास ले जाता है और कुएं के पानी के अंदर दृष्टि से देखने को बोलता है

वह शेर उस कुएं में अपनी ही शक्ल देखकर गुस्से में दहाड़ता है शेर की दहाड़ कुएं में भी गूंजने लगती है

वह शेर गूंजी हुई आवाज को दूसरे शेर की आवाज समझ कर क्रोध में आ जाता है।

और इसी गुस्से में वह दूसरे शेर को मारने के लिए कुएं में छलांग लगा देता है और वह वही मर जाता है इस प्रकार सियार ने अपनी चतुराई से अपनी जान बचाई।

इस कहानी से आपको क्या सीख मिली

  • हमे हमेशा मुश्किल के समय बुद्धि से काम लेना चाहिए
  • जिसके पास सही बुद्धि होती है वही बलवान होता है।

मेहनत तथा ईमानदारी का फल

एक गांव में एक लकड़हारा रहता था तथा वह प्रतिदिन जंगल में जाकर लकड़ी काटकर बाजार में बेच देता था तथा उन पैसों से अपने परिवार का पालन पोषण करता था

1 दिन वह लक्कड़ हारा नदी के किनारे लगे पेड़ को भी काट रहा था कि अचानक उसके हाथ से कुल्हाड़ी फिसल कर नदी में जा गिरी

उसने कुल्हाड़ी को पानी में बहुत ढूंढा लेकिन कुल्हाड़ी उसे नहीं मिली इसी कुल्हाड़ी से ही लकड़ियां काटकर वह अपने परिवार का पेट भरता था

अब वहां कैसे इनका पेट भरेगा यही सोचकर और नदी के किनारे बैठ कर रोने लगा

उस लकड़हारे की ऐसी शोकाकुल स्थिति देखकर नदी से जल देवता बाहर निकले तथा उन्होंने लकड़हारे से रोने का कारण पूछा

तब लकड़हारे ने बताया महाराज मेरी कुल्हाड़ी इस गहरी नदी में गिर गई है उस कुल्हाड़ी से लकड़ियां काटकर में अपने परिवार का भोजन पोषण करता हूं अब कुल्हाड़ी खो जाने से मैं लकड़ियां कैसे काटूंगा?

जल देवता को लकड़हारे पर दया आई और उन्होंने नदी में डुबकी लगाई तथा एक सोने की कुल्हाड़ी लेकर ऊपर आए उन्होंने लकड़हारे से पूछा क्या यही तुम्हारी कुल्हाड़ी है?

तब लकड़हारे ने कहा महाराज यह मेरी कुल्हाड़ी नहीं है

मैं फिर से नदी में डुबकी लगाई और इस बार चांदी की कुल्हाड़ी लेकर बाहर आए उन्होंने फिर से पूछा क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है?

लकड़हारे बोला महाराज जी यह मेरी कुल्हाड़ी नहीं है

जल देवता ने एक और बार नदी में डुबकी लगाई और इस बार वह लोहे की कुल्हाड़ी लेकर बाहर आए

लकड़हारा अपनी कुल्हाड़ी को देखकर बहुत ही खुशी से झूम उठा और कहा यही मेरी कुल्हाड़ी है

ईमानदारी का फल Top 10 moral stories in hindi

लकड़हारे की इमानदारी को देखकर जल देवता बहुत प्रसन्न हो गए तथा उन्होंने उसकी ईमानदारी के इनाम के रूप में उसे सोने तथा चांदी की कुल्हाड़ी उपहार में दे दी

हमें ईमानदारी तथा सच्चाई के मार्ग के मार्ग को कभी नहीं छोड़ना चाहिए इसी से हमें सच्चा सुख प्राप्त होता है

इस कहानी से आपको क्या सीख मिली

  1. ईमानदारी का फल हमेशा मीठा होता है
  2. ईमानदार व्यक्ति की सभी जगह प्रशंसा होती है
  3. ईश्वर भी ईमानदार व्यक्ति से प्रसन्न रहते हैं

प्यासा कौवा

बहुत ही पुराने समय की बात है कड़कड़ाती धूप में एक कौवा प्यास के मारे इधर उधर पानी की खोज में तड़प रहा था।

उसे इतनी प्यास लग रही थी कि उसे लगा कि उसका अंतिम समय आ गया है

तभी उसकी नजर किसी पेड़ के नीचे रखे एक घड़े पर पड़ी फिर इस दृश्य को देखकर कौवे की जान में जान आ गई

जब कौवा घड़े के पास पहुंचा तो उसने देखा कि इसमें पानी बहुत कम है उसकी चोच पानी तक पहुंचने में असमर्थ थी

कव्वे ने पानी तक पहुंचने की बहुत कोशिश करी पर वह अपनी सोच पानी तक नहीं पहुंचा पाया

अब कौवा थककर घड़े के पास में ही बैठ गया फिर तभी उसे घड़े के पास रखे कंकड़ दिखाई दिए और उसके मन में विचार आया

उसने तरकीब लगाई की यदि वह इन कंकड़ों को पानी में डालेगा तो पानी का स्तर बढ़ेगा और धीरे-धीरे पानी ऊपर आ जाएगा।

फिर उस पानी से वह खुद की प्यास बुझा लेगा

लगातार प्रयास करते हुए तथा मेहनत से वह इतने कंकड़ पानी में डाल देता है
कि पानी ऊपर आ जाता है और वह उससे पानी को पी कर अपनी जान बचा लेता है

इस कहानी से हमें क्या सीख मिली Top 10 moral stories in hindi

  1. हमें कभी भी थककर या हार मानकर नहीं बैठना चाहिए
  2. लगातार कठोर परिश्रम और मेहनत करते रहना चाहिए तथा
  3. मेहनत ही सफलता की कुंजी है|

खरगोश और कछुए की कहानी

एक समय पर किसी जंगल में एक खरगोश तथा कछुए गहरे दोस्त थे
लेकिन खरगोश को अपनी गति पर बहुत गर्व था तथा अभिमान भी,

और इसी के चलते वह कछुए को उसकी धीमी गति होने के कारण चिड़ाया करता था

एक दिन गुस्से में आकर कछुए ने खरगोश से कहा कि हम दोनों रेस लगाते हैं

और देखते हैं किसी गति अधिक है जो जीता उसकी गति अधिक होगी।

कछुए की आवाज सुनकर खरगोश जोर से हंसने लगा और

कहा तुम मुझसे कभी भी जीत ही नहीं सकते तो चलो रेस लगा ही लेते हैं

फिर दोनों के बीच रेस चालू हो जाती है तथा खरगोश अपने कदमों से तेजी से दौड़ता है और कछुआ बहुत ही धीमी गति के साथ चलना चालू कर देता है।

कुछ देर तक दौड़ने के बाद खरगोश ने सोचा कि अब मैं बहुत आगे आ गया हूं तो क्यों ना इस पेड़ के नीचे थोड़ा आराम ही कर लूं
par आराम करते करते खरगोश कब सो गया उसे पता ही नहीं चला

लेकिन कछुआ धीमी गति से निरंतर आगे बढ़ता रहा और वह खरगोश के पास पहुंचा उसने देखा कि खरगोश सो रहा है।

लेकिन फिर भी वह लगातार अपने लक्ष्य तरफ बढ़ते हुए फिनिश लाइन को पार कर देता है तथा इस रेस को जीत जाता है।

थोड़ी देर बाद जब खरगोश की नींद खुलती है तो वह तेजी से दौड़ता हुआ फिनिश लाइन पार कर देता है।

लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है कछुआ फिनिश लाइन पर पहले ही पहुंच जाता है

खरगोश और कछुए

कछुए को देख वह बहुत ही शर्मिंदगी महसूस करता है और सोचता है कि कछुआ उससे रेस जीत गया वह काफी खेद भी महसूस करता है।

भले ही खरगोश की गति तेज थी लेकिन कछुए का निरंतर प्रयास और दृढ़ इच्छा अधिक थी।

इस कहानी से हमें क्या सीख मिली

  • हमें कभी भी हार नहीं मानना चाहिए तथा
  • निरंतर प्रयास जारी रखनी चाहिए

लोमड़ी और खट्टे अंगूर

एक समय की बात है एक दिन दोपहर में एक लालची लोमड़ी भोजन की तलाश में इधर-उधर घूम रही थी

वही जंगल में उसे एक अंगूर के गुच्छे की बेल दिखाई दी और इतने सारे अंगूर देखकर

उस लोमड़ी के मुंह में पानी आ गया
जैसे ही लोमड़ी अंगूर को खाने के लिए लपकती वह उन तक पहुंच नहीं पाती
उसने कई बार छलांग भी लगाई पर वह स्वादिष्ट अंगूरों तक पहुंच नहीं पा रही थी

उसने वहां पर एक दिमाग लगाया और काफी दूर से दौड़ कर आई और 1 लंबी छलांग मार दी

और इस बार भी वह अंगूरों तक नहीं पहुंच पाई

और जब कई बार प्रयास करने के बाद भी उसे एक भी अंगूर नहीं मिला तो

उसने यह कह कर खुद को समझा लिया कि अंगूर खट्टे हैं और इन्हें खाकर कोई फायदा नहीं थक हार कर लोमड़ी अपने घर की ओर चली जाती है

इस कहानी से क्या सीख मिली
जब किसी मूर्ख इंसान को कोई सी वस्तु प्राप्त नहीं होती तो वह अपनी कमजोरी छुपाने के लिए उस वस्तु को दोषी बता देता है

 

मुर्गी और सोने का अंडा

एक गांव में गरीब किसान रहता था वह रोज की तरह अपने खेतों में काम करने जाता

और काम करके घर वापस आ जाता
लेकिन एक दिन उसे रास्ते में एक घायल मुर्गी दिखाई दी

जिससे काफी खून निकल रहा था उस गरीब किसान ने उसको देखते ही उठाया और घर ले जाकर उसकी

जख्मों को भरा और उसी सेवा करने लगा

कुछ ही दिनों में मुर्गी पूरी तरह स्वस्थ हो गई मुर्गी ने गरीब किसान से कहा कि तुमने मेरी इतनी सेवा की है उसके बदले मैं तुम्हें रोज एक सोने का अंडा दूंगी

मुर्गी अपने वचन के अनुसार रोज सुबह एक सोने का अंडा देती जिसे गरीब किसान बाजार में ले जाकर अच्छे कीमत पर बेचकर आ जाता

देखते-देखते गरीब किसान के पास काफी धन हो गया और अब वह बहुत अमीर हो गया

फिर 1 दिन उस इंसान के अंदर लालच आ जाती है वह सोचता है कि मुझे रोज मुर्गी को खाना देना पड़ता है उसकी रोज सेवा करनी पड़ती है।

तब जाकर मुझे सिर्फ एक अंडा मिलता है क्यों ना मैं इसके पेट से सारे अंडे एक साथ निकाल कर बैच दूं

ऐसा सोचकर उस लालची किसान ने मुर्गी का पेट चाकू से काट दिया लेकिन उसे एक भी अंडा नहीं मिला और जो एक अंडा रोज मिलता था वह भी उसके हाथ से निकल गया

इस कहानी से हमें क्या सीख मिली

  • हमें ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए लालच में कई बार हम खुद के नुकसान कर बैठते हैं

चिड़िया का घोंसला

एक पिंकी नाम की चिड़िया एक खेत में कई दिनों से अपने घोसले में रहती थी

बहुत ही पुराना घोंसला हो चुका था उसका और सर्दियों का मौसम भी आने वाला था

यही सोच कर pinki ने एक नया घोसला बनाने का फैसला लिया

उसने 1 दिन बहुत मेहनत की तिनका तिनका का चुन चुनकर बड़ी मेहनत से उसने पास के ही खेत में एक नया घोंसला बनाया

उसने इस नए घोसले में जाने से पूर्व उसने सोचा कि चलो आज की रात यहीं इसी पुराने घोसले में बिता लेती हूं कल से नए घोसले में निवास करूंगी

लेकिन यह क्या!जब अगली सुबह वह अपने नए घोसले को देखती है तो उसकी आंखों फटी की फटी रह जाती है

एक बाज उसके घोसले को तहस नहस कर चला जाता है वह बहुत ही मायूस हुई उसकी आंखें भर आई क्योंकि उसने बड़ी मेहनत से इस घोंसले को बनाया था।

और किसी ने उसे से रातों-रात तबाह कर दिया
उसने गहरी सांस ली और हल्का सा मुस्कुरा कर फिर से घोंसला बनाने लगी
और 1 दिन की पूरी सुबह से शाम तक मेहनत करने के बाद वह दोबारा अपना आशियाना बना लेती और खुशी मन से उसमें रहने लगती है

इस कहानी से हमें क्या सीख मिली

मान लीजिए हमारे साथ कुछ बुरा होता है तो हम शिकायत करते हैं और दुनिया में उसका रोना रोते हैं कई लोगों को भी कोसते हैं और हिम्मत हार कर बैठ जाते हैं।

लेकिन ऐसा करने की बजाय हमें दोबारा बिना समय गवाएं उससे अधिक मेहनत करके उस काम को पुनः सफल बनाने में लग जाना चाहिए

एकता की ताकत की कहानी

एक महेश नाम का व्यापारी कबूतर को जाल में फंसा कर पकड़ता और उन्हें बाजार ले जाकर बेचने का काम करता था

उसे कबूतरों पर जरा भी दया नहीं आती थी लेकिन एक बार और रामू काका के खेत में कबूतर को पकड़ने के लिए जाल लगाता है।

और डेढ़ सारे चावल के दाने जमीन पर बिखेर देता है जब इतने सारे चावल के दाने के ढेर आसमान में उड़ते कबूतरों का झुंड देखता है तो उन्हें लालच आ जाता है।

लेकिन उस झुंड का सरदार कहता है कि जरूर इसमें कोई चाल होगी वरना इतने सारे चावल के दाने कैसे एक जगह पड़े रह सकते हैं

लेकिन दूसरे साथी सरदार की इस बात को नजरअंदाज करके नीचे उतरते हैं और साथ होने की वजह से सरदार को भी नीचे दाने खाने के लिए उतरना पड़ता है।

पेड़ के पीछे छुपा व्यापारी सही समय पर जाल फेंक देता और सारे कबूतर उसमें फंस जाते हैं।

इस पर एक कबूतर कहता है कि सरदार ने हमें बिल्कुल सही कहा था यही एक साजिश थी हमें फंसाने कि, अब हम सब को यह व्यापारी पिंजरे में बंद करके बेच देगा

तभी सरदार को एक तरकीब सूझी और वह कहते हैं कि व्यापारी के आने से पहले हम सब एक साथ उड़े तो हम जाल लेकर उड़ जाएंगे

और फिर बाद में आजाद हो जाएंगे

कबूतरों ने ऐसा ही किया सरदार की बात मानी ओर सब एक साथ उड़े और देखते-देखते व्यापारी की आंखों के सामने जाल लेकर उड़ गए

और बाद में वह सब आजाद हो गए

इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है

  • यदि हम सब मिलकर काम करते हैं तो हमारी एकता की शक्ति बहुत अधिक बढ़ जाती है।
  • अतः हमें एक साथ मिलकर काम करना चाहिए
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